Essay on Autobiography of a Tree | Hindi Easy
History of the tree | पेड़ हमें ही नहीं बल्कि हमारे कितने सारे पूर्वजो को बोहोत कुछ देते आए हैं। लेकिन हम हैं की उसकी importance को समज ही नहीं पाते।
Autobiography of Tree in Hindi
एक पुराने Banyan Tree की Autobiography
मैं एक बूढ़ा Banyan Tree हूँ ।
लोग कहते हैं कि मैं aged हूँ, लेकिन मैं इस बात पर विश्वास नहीं करता हूँ।
क्योंकि मेरे पिता और तो और मेरे दादा भी, जो 500 से भी ज्यादा, सालो से इस खूबसूरत दुनिया में रहते हैं। मैं तो सिर्फ 19 साल का ही हूँ।
लेकिन मैंने सिर्फ इतने ही समय मैं अपनी आंखों के सामने बहुत कुछ ठीक से देख सकता था, ये मेरे लिए बोहोत खुशी की बात हैं।
क्योंकि मेरे पास कहने के लिए बहुत सी चीजें हैं क्योंकि मेरे पास इस अच्छाई की बातें हैं उस अच्छाई की बातें
को आपको आज बताता हूँ।
जो मेरे दिल में है मेरे पास कम से कम 90 फैली हुई डालियां हैं।
जिस पर मैं खूबसूरत पक्षियों को, सांपों को, और दूसरे जानवरों को एक घर दे सकता हूँ।
इस समय मुझे लगता है कि मैं कितना महान हूँ।
मुझे ये भी लगता है कि मैं कितना भाग्यशाली हूँ।
कि मैं कितने सारे जानवरों, को आश्रय दे सकता हूं।
क्योंकि भगवान ने इतने सारे जीवों को जन्म दिया है ताकि वो भी इस खूबसूरत दुनिया को देख सके।
लेकिन सिर्फ कुछ ही जीवों की मदद करने के लिए उन्हें घर देना भी कोई छोटा काम नहीं हैं ।
मुझे खुशी है कि भगवान ने मुझे इस लायक समझा क्योंकि मेरी डालियों पर एक पवित्र काम का भोज हैं।
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Autobiography of a Tree |
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पर मुझे कभी-कभी चिंता होती हैं जब तूफान आता है ।
लेकिन इन्सानी को मेरे बारे में परेशानी नहीं होता है।
क्योंकि वे देख चुके हैं की मैंने कितने बुरे बारिश के मौसम में भी एक चट्टान की तरह डटा रहा।
लेकिन मेरी भी इच्छा होती हैं कि लोग भी मेरे बारे में चिंता करे । आखिर मैं उन्हें बिना मांगा कितना कुछ देता आ रहा हूँ ।
इतनी तो मैं उनसे आस लगा ही सकता हूँ।
मैं उनसे ये आस अपने लिए नहीं बल्कि उन साथियों के लिए करता हूँ।
अब मैं उन लोगो को केसे बचाऊं जो हर समय में मेरे डालियों पर रहते हैं ।
एक तरफ तूफान और दूसरी तरफ भीषण बारिश है, इसलिए उस समय मैं मेरे सबसे जरूरी काम ये होता हैं कि अपने साथियों को केसे बचाऊं।
मुझे पता है कि कोई भी हमेशा के लिए इस दुनिया में नहीं आया हैं।
जब तूफान चला जाता है, तब मैं एक राहत की सांस लेता
हूँ।
Tree par nibandh (TREE ESSAY IN HINDI)
क्योंकि छोटे जीव जीने आप इंसान जाने अंजाने में उनके ऊपर चढ़ जाते हैं और इस वजह से कुछ मर भी जाते हैं।
मुझ उन सभी की एक समान चिंता होती हैं। पाता नहीं क्यों मैं किसी भी जीव जो मेरी डालियों पर रहता हैं उनमें भेद-भाव नहीं कर पाता।
क्या ये मेरी कमजोरी हैं या मेरी ताकत?
एक बार जो मेरी डालियों मैं अपना घर बना लेता हैं। तब ये मेरी ज़िमेदारी हैं कि मैं उनकी रक्षा करू।
हे भगवान ! अब तक मैं अपने बारे में ही बात कर रहा हूं।
मुझे अपने बचपन के लोगों के बारे में भी आपको बताना हैं।
दूसरे लोग ये जानते हैं कि उनके माता – पिता कोन हैं । लेकिन मुझे नहीं याद हैं कि मेरे माता – पिता कोन हैं।
क्योंकि कुछ लोग हैं जो कहते हैं कि किसी जमाने में एक चिड़िया ने बरगद का बीज यहा गिरा दिया था ।
और धीरे – धीरे मैं कब एक छोटे से पौधे से एक सुंदर और नया पेड़ बन गया मुझे भी ये बात पता नहीं चला।
मेरे आसा पास दो तीन और बरगद के पेड़ थे कम वो सब मेरे लिए एक परिवार थे।
यहाँ से कभी- कभी गाड़ियाँ जाती हैं और कुछ लोग गाड़ी में से उतरते हैं मेरे आशीर्वाद पाने के लिए।
और एक दिन एक जवान लड़का आया खूब सज – धज कर और बैंड बाजे के साथ साथ मैं सोच मैं पढ़ गया आखिर ये लोग करना क्या चाहते हैं ।
लेकिन मैं जल्दी ही समझ गया था वो लड़के की शादी होने जा रही थी इसीलिए वो मेरा आशिर्वाद लेने आया था।
ग्रामीणों ने मेरा सम्मान किया, इसलिए उन्हें आशीर्वाद दिया में बोल तो नहीं सकता था लेकिन अपने दिल से कहा कि:
“आपको आपके शादी शुदा जीवन की ढेर सारी शुभकामनाएं” ।
और ठीक दूसरे ही दिन एक महिला अपने बेटे को अपनी गोद मैं साथ लाई, और उसने मुझसे अब तक को सबसे मुश्किल मांग की।
और सच में, वे मेरे साथ ऐसा व्यवहार कर रही थी जैसे कि मैं ईश्वर हूँ ।
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Autobiography of a Tree |
मेरे पास वह जादुई शक्ति नहीं है जैसा कि Gautam Buddha के पास हैं। मैं एक साधारण सा पेड़ हूँ।
मेरी भी कुछ सीमाएं हैं ।
मैं सब कुछ तो नहीं जानता लेकिन इतना तो ज़रूर जानता
हूँ सभी जीव जंतु मुझस बोहोत प्यार करते हैं।
क्योंकि पिछले साल एक घटना हुई थी, एक लकड़हारा था।
जिसने मेरी एक बड़ी डाली को काटने की कोशिश की थी क्योंकि वह एक बड़ी इमारत बनाना चाहता था ।
अपने लाभ के लिए । वो चाहता था कि इमारत आसमान छुए।
लेकिन मेरे प्यारे गांव वालो ने उसे ऐसा करने की अनुमति नहीं दी।
इसलिए उन्होंने मेरी शाखाओं को काटने नहीं दिया।
और वे अकेले-अकेले लड़े और अंततः उस contractor ने जिसने उस लकड़हारे को भेजा था उसे उसको वापस भूलना पढ़ा।
हाँ मेरे गांव वाले अपने पुराने बरगद के पेड़ से कितना प्यार करते हैं ।
बेशक आप मुझे पुराना कहें लेकिन मैं नहीं मानता हूँ ।
मैं तो अपने युवा अवस्था में हूँ ।
क्योंकि मैं कम से कम 500 साल जीवित रह सकता हूँ।
और साथ ही साथ बहुत कुछ देखने के लिए तैयार भी है।
मेरे पास बहुत सी चीजें हैं जिनके निर्वहन के लिए मेरे पास बहुत सारे काम हैं ।
क्योंकि इन कामों के लायक होने के बजाय अच्छे से इन कामों को करना ज़रूरी हैं ।
मुझे पता है कि यह दुनियाएक सुंदर जगह है ।
बहुत सारी चीजें हैं यह देखने के लिए कि मैं निश्चित रूप से उन लोगों का आनंद ले सकता हूँ।
जिन्हें मैं अपनी आंखो से देख सकता हूँ ।
Mr.Chatterjee के समय जब वे एक छोटे से बच्चे थे । धीरे धीरे वे बड़े हो गए और उनकी शादी हो गई।
अब उनका एक बेटा भी हैं बिल्कुल उन्हीं की तरह इतने सालो में एक अटूट रिश्ता बन गया हैं गांव वालो से ।
इसी तरह दो पीढि़यां मैंने देखी हैं आशा हैं और भी देखूंगा। क्योंकि अभी मेरी उम्र सिर्फ 19 साल हैं।
जैसा कि मैं मजबूत हूँ। क्योंकि मेरे पास दूसरो की सेवा करनी की शक्ति है।
इसीलिए मैं भी आपको मजबूत और मेरी तरह दूसरो की मदद करने के लिए motivate करता हूँ।
क्योंकि ज़िन्दगी वो चीज है जो एक आदमी को कुछ अच्छा करने के लिए मिलती है ।
मैं आप सभी को बहुत सारा आशीर्वाद देता हूँ। भगवान करे आप सब हमेशा खुश रहें।
इंसान पेड़ नहीं बन सकता।
Conclusion:
तो आशा करता हूँ Autobiography of Tree Banyan आपको हमारी वेबसाइट Sabse Bhadiya Kahaniya | Short Hindi Stories की यह थी ये बातो से आप सब सहमत हैं अगर मुझसे कुछ रह गया हो तोह कृपया comment section मैं अपने vichar ज़रूर लिखे और share भी करे ऐसे ही हिंदी मैं पढ़ने के लिए हमारे Newsletter को Subscribe करे।